
बिहार राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत नए लाभार्थियों के चयन के लिए बड़े पैमाने पर सर्वेक्षण कार्य चल रहा है। इस अभियान का उद्देश्य उन सभी परिवारों को चिन्हित करना है जो अब तक पक्के मकान के लाभ से वंचित हैं। राज्य सरकार और जिला प्रशासन की निगरानी में चल रहे इस सर्वेक्षण कार्य के दौरान अब तक लगभग 82 लाख परिवारों की पहचान की जा चुकी है। इन परिवारों को आने वाले समय में पीएम आवास योजना के अंतर्गत आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।सर्वेक्षण कार्य ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिसमें विशेष टीमों को घर-घर जाकर वास्तविक स्थिति का आकलन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सर्वे में यह देखा जा रहा है कि किन परिवारों के पास अब भी कच्चा मकान है या जिनके मकान अत्यधिक जर्जर अवस्था में हैं। ऐसे परिवारों को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके अलावा, वंचित समूहों जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विधवा, दिव्यांग और अत्यधिक गरीब परिवारों को भी सूची में विशेष प्राथमिकता दी जा रही है।
इस बार के सर्वेक्षण की विशेष बात यह है कि इसमें तकनीक का भी व्यापक उपयोग हो रहा है। मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से रियल टाइम डाटा संग्रह किया जा रहा है, ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और त्रुटिरहित हो। जिन परिवारों की पहचान हो गई है, उनका डाटा डिजिटल फॉर्मेट में राज्य सरकार के पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। इसके बाद लाभुकों की अंतिम सूची तैयार कर उन्हें पीएम आवास योजना का लाभ दिया जाएगा।
पीएम आवास योजना (ग्रामीण) का उद्देश्य
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2022 तक हर बेघर और कच्चे मकान में रहने वाले परिवार को पक्का मकान उपलब्ध कराना था। हालांकि लक्ष्य को देखते हुए अब समय सीमा बढ़ा दी गई है। बिहार में इस योजना का कार्यान्वयन बहुत तेजी से किया जा रहा है ताकि प्रत्येक योग्य व्यक्ति को सम्मानजनक आवास की सुविधा मिल सके।
मुख्य विशेषताएँ:
- हर गरीब को पक्का मकान प्रदान करना।
- शौचालय की सुविधा के साथ आवास उपलब्ध कराना।
- आवास के साथ बिजली, पेयजल और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी समावेश।
- सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को प्राथमिकता देना।
Bihar PM Awas Yojana Survey – Overview
विवरण | जानकारी |
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लेख का नाम | बिहार पीएम आवास योजना सर्वेक्षण |
लेख का प्रकार | नवीनतम अपडेट |
लेख किसके लिए उपयोगी है? | हम सभी के लिए |
बिहार पीएम आवास योजना सर्वेक्षण कब शुरू हुआ? | 10 फरवरी, 2025 से |
बिहार पीएम आवास योजना सर्वेक्षण की बढ़ाई गई अंतिम तिथि? | 2025-2026 |
बिहार पीएम आवास योजना सर्वेक्षण की विस्तृत जानकारी? | कृपया पूरा लेख ध्यानपूर्वक पढ़ें। |
लाभार्थियों के चयन की प्रक्रिया
सर्वेक्षण के बाद योग्य लाभार्थियों का चयन एक तय प्रक्रिया के तहत किया जाता है:
सर्वेक्षण और डेटा संग्रहण।
- ग्राम सभा में सूची का सार्वजनिक प्रदर्शन।
- आपत्तियों का समाधान।
- अंतिम पात्र सूची का अनुमोदन।
- आवास निर्माण के लिए राशि का आवंटन।
आवश्यक दस्तावेज:
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- बैंक खाता विवरण
- भूमि दस्तावेज या मकान स्थिति प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र (जहां आवश्यक हो)
सर्वेक्षण में चिन्हित किए गए सर्वाधिक अनुसूचित जाति व जनजाति परिवार
जिला | प्रतिशत | विवरण |
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गया | 41% | अनुसूचित जाति व जनजाति परिवारों को चिन्हित किया गया |
नवादा | 37.70% | कुल 2.73 लाख परिवार चिन्हित, जिनमें 1.03 लाख अनुसूचित जाति व जनजाति परिवार |
रोहतास | 36.55% | कुल 1.18 लाख परिवार चिन्हित, जिनमें 43 हजार अनुसूचित जाति व जनजाति परिवार |
सर्वेक्षण में सबसे कम अनुसूचित जाति व जनजाति परिवारों की पहचान
जिला | प्रतिशत | विवरण |
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किशनगंज | 16.28% | अनुसूचित जाति व जनजाति परिवार चिन्हित |
पूर्वी चंपारण | 17.60% | अनुसूचित जाति व जनजाति परिवार चिन्हित |
सीतामढ़ी | 18.06% | अनुसूचित जाति व जनजाति परिवार चिन्हित |
भागलपुर | 19.04% | अनुसूचित जाति व जनजाति परिवार चिन्हित |
बेगूसराय | 19.38% | अनुसूचित जाति व जनजाति परिवार चिन्हित |
शिवहर | 20.32% | अनुसूचित जाति व जनजाति परिवार चिन्हित |
मुजफ्फरपुर | 20.47% | अनुसूचित जाति व जनजाति परिवार चिन्हित |
वे जिले जहां सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति (ST) परिवारों की पहचान हुई
जिला | चिन्हित परिवारों की संख्या |
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पश्चिमी चंपारण | 30,000 परिवार |
कटिहार | 19,100 परिवार |
सिवान | 12,600 परिवार |
पूर्णिया | 12,400 परिवार |
बांका | 11,910 परिवार |
वे जिले जहां सबसे कम अनुसूचित जाति व जनजाति परिवारों की पहचान हुई
जिला | चिन्हित परिवारों की संख्या |
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शेखपुरा | 145 परिवार |
शिवहर | 326 परिवार |
अरवल | 400 परिवार |
जहानाबाद | 507 परिवार |
Important Link
पीएम आवास योजना आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं | Click Here |
बिहार राज्य ग्रामीण विकास विभाग वेबसाइट | Click Here |
पीएम आवास योजना में आवेदन प्रक्रिया जानें | Click Here |
FAQ – बिहार पीएम आवास योजना सर्वेक्षण 2025
1. बिहार पीएम आवास योजना सर्वेक्षण कब शुरू हुआ?
उत्तर: बिहार में पीएम आवास योजना सर्वेक्षण की शुरुआत 10 फरवरी 2025 से हुई है।
2. बिहार पीएम आवास योजना सर्वेक्षण की अंतिम तिथि क्या है?
उत्तर: इस सर्वेक्षण की अंतिम तिथि बढ़ाकर 30 अप्रैल 2025 कर दी गई है।
3. इस सर्वेक्षण का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य नए पात्र लाभार्थी परिवारों की पहचान करना है, जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान प्रदान किया जाएगा।
4. अब तक कितने परिवारों की पहचान हुई है?
उत्तर: अब तक लगभग 82 लाख परिवारों की पहचान की जा चुकी है जो योजना के अंतर्गत लाभ उठाने के पात्र हैं।
5. कौन-कौन इस योजना के लिए पात्र हैं?
उत्तर: वे परिवार जिनके पास अभी भी पक्का घर नहीं है या जो बेघर हैं, तथा जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है, वे इस योजना के लिए पात्र माने जाएंगे।
6. सर्वेक्षण किस स्तर पर हो रहा है?
उत्तर: यह सर्वेक्षण ग्राम पंचायत से लेकर जिला स्तर तक किया जा रहा है, जिसमें भौतिक सत्यापन भी शामिल है।
7. सर्वेक्षण में किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी?
उत्तर:
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- बैंक खाता विवरण
- आय प्रमाण पत्र
- आवासीय प्रमाण पत्र (यदि आवश्यक हो)
8. यदि कोई पात्र परिवार सर्वे में छूट जाए तो क्या करना चाहिए?
उत्तर: ऐसे परिवार स्थानीय पंचायत कार्यालय या ब्लॉक कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं और अपनी पात्रता की जांच के लिए आवेदन कर सकते हैं।
9. क्या सर्वेक्षण में कोई मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग हो रहा है?
उत्तर: हाँ, सरकार ने सर्वेक्षण में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए मोबाइल ऐप और GPS लोकेशन टैगिंग का भी उपयोग किया है।
निष्कर्ष
बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत नए लाभार्थियों के चयन के लिए किए जा रहे सर्वेक्षण कार्य ने अब तक 82 लाख परिवारों की पहचान कर ली है, जिसमें से एक चौथाई यानी लगभग 25% परिवार अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय से संबंधित हैं। यह आंकड़ा न केवल सामाजिक न्याय को बढ़ावा देता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि वंचित वर्गों को भी आवास योजना का समुचित लाभ मिले।गया, नवादा और रोहतास जैसे जिलों ने अनुसूचित जाति व जनजाति परिवारों की पहचान में अग्रणी भूमिका निभाई है, जबकि किशनगंज, पूर्वी चंपारण और सीतामढ़ी जैसे जिलों में इन समुदायों की पहचान अपेक्षाकृत कम रही है।
यह सर्वेक्षण कार्य बिहार सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से हर जरूरतमंद परिवार को सुरक्षित और सम्मानजनक आवास उपलब्ध कराने के मिशन पर कार्य कर रही है। भविष्य में इस सर्वेक्षण के आधार पर पात्र परिवारों को योजना से जोड़ने की प्रक्रिया और तेज होगी, जिससे “सबके लिए आवास” का सपना साकार हो सकेगा।
हम उम्मीद करते हैं कि बिहार सरकार की यह पहल राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।